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लेखनी कहानी -10-Feb-2022 (मेहनती ठगन लघुकथा )

मेहनती ठगन


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ठगन के पास 7 एकड़ में फैला आम का बगीचा था । ठगन के जीवनोपार्जन का एक ही जरिया था वो है ये आम का फल..
पहले वो वर्ष में एक बार ही .एक सीजन में. इस फल को बेचकर अच्छे पैसे जमा करके रखता और जब आम का सीजन चला जाता तो जो पैसे वो बचत कर के रखा होता उसी को खर्च कर के भर्या और अपने बच्चों के भरण-पोषण में लगाता । 
ठगन बहुत मेहनती और बुद्धि वाला था आर्थिक स्थिति बिगड़ गई जब उसके बाबू जी का देहांत हो गया और उसने पढ़ाई छोड़कर छोटी उम्र में ही काम करने लगा। 
उसे सिर्फ नाम लिखना जोड़ना घटना ही आता था क्यो की उसने पाँच कक्षा तक पढ़ाई की थी ...?

आम का फसल / सीजन चला जाता तो उसे जो काम मिलता कर लेता इससे कुछ मदद हो जाती थी । और साथ साथ उसकी भार्या भी थोड़ी मदद कर देती थी वो घर-घर जाकर बर्तन साफ-सफाई का कार्य कर लेती थी । 
आम का माँग काफी बढ़ गया था । उसने बाजार में पता लगाया जब उसे एक काम मिला जब आम का सीजन नही था फिर भी आम से भरी एक गाड़ी मंडी में खड़ी हो गई । और उसे खाली करने वाले मजदूर की आवश्यकता थी ।जिसमे ठगन ने भी अपना नाम लिखा लिया और गाड़ी खाली करने में लग गया । तभी उसने इन सब आम के बारे में मुंसी से पूछता फिर एक बोरी उठाता फिर पूछता फिर उठाता ऐसे करते करते उसने 30 से 35 बोरी गोदाम में भर दिए और पूछता गया उसे सारी जानकारी मिल गई और जो जानकारी नही मिली उसे उसने पास के बीज भंडार में जाकर पूछा।

किस किस किस्म के आम होते है ...? 
दशहरी लँगड़ा चौसा - उत्तर प्रदेश
जर्दालु - बिहार
मनकुरद और मसुरद - गोवा
हिमसागर और मालदा - पश्चिमबंगाल
अल्फांसो - महाराष्ट्र
बंगनपल्ली - दक्षिणभारत
संदूरी, सदाबहार, लंगड़ा, बादामी, तोतापरी, दशहरी - छत्तीसगढ़
वगेरा वगेरा.....भारत मे आम के 1500 किस्म पाए जाते है।
इसमें सबसे ज्यादा लँगड़ा और दशहरी आम बाजार में मिलता बिकता है ।
अल्फांसो आम की तरह ही सदाबहार आम है. की प्रजाति हमे साल भर आम देती है । लगातार वैज्ञानिक तकनीक उपयोग से अब हम एक सीजन में ही नही बल्कि साल भर आम की पैदावार कर सकते है । सदा-बाहर आम हर सीजन में उपलब्ध रहती है।
सारी जानकारी लेकर ठगन ने अपनी सारी पूंजी इस आम के बगीचे में डाल दी 
यूको बैक

से लोन लिया और आज देखो उसकी आमदनी इतनी है । जिसकी आप कल्पना नही कर सकते ।
सदाबहार - ये प्रजाति पूरे साल भर फल देती है इस लिए इस आम का नाम सदाबहार आम पड़ा।
अल्फांसो - ये प्रजाति भारत का सबसे खास किस्म का आम है। इसको आमो का सरदार (सरताज) जो मर्जी कह लो ।
इसी प्रजाति से मिलता जुलता सदाबहार आम है ।
सदाबहार आम बाकी आम के पेड़ की तरह नही होता ये छोटे नाटा होता है इसे किचन गार्डन में लगाना उपयुक्त है।

ठगन ने नए नए किस्म की प्रजाति आम की अपनी बागान में लगाता गया । मुनाफा कमा कर और खेत अपने नाम करता गया और पेड़ लगाता गया और खेत अपने नाम करता गया ।

अब उसमे पास 109 एकड़ खेत आम के हो गए है । और उसकी फसल आम अब सब राज्य में टांसपोर्त 
होने लगे ।
वह सिर पाँच कक्षा पड़ा था पर अपनी मेहनत और बुद्धि से आज करोड़ो का मलिक बन मुनाफ़ा कमा रहा आज उंसके नीचे काम करने वाले 70 से अधिक लोग है । 
एक वक्त था जब वो और उनकी भार्या घर मे काम 
करती थी ।

सीख :- 
मेहनत और बुद्धि से क्या हासिल नही हो सकता ।
बस आप को खुद पर और उस कार्य पर भरोसा होना चाहिए।

©®-प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला - महासमुन्द (छःग)

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